इंडियाकाउद्भोगकबहुआ ? किसकेमाध्यमसेहुआ ? औरइसप्रकारकेनामकरणकाउद्देश्यक्याहै ? तोकमसेकमतीनउद्देश्यहमारेसामनेआतेहैं।जबबीचमेंहीइसकाउद्भोगहोनाहुआतोकबहुआयेतोनिश्चितकरनाऔरआवश्यकहोताहै।जबभारतअनेकभागोंमेंविभाजितहोकअपनाकार्यकरताथा , अपनाइतिहासरचताथाऔरविश्वकेऊपरइसकाप्रभावभीअपने (inaudible) था।ऐसीस्तिथिमेंजबइसकेऊपरइसढंगसेपरिवर्तनकासमयक्योंआयातोइससेज्ञातहोताहैकिब्रिटिशलोगअंग्रेजलोगजिसकोबोलतेहैंउनकाआनाहुआव्यापनकेउद्देश्यकेलिए।औरउनकीव्यापरकीजोकंपनीकानामथाईस्टइंडिया।तबतकभारतकानामइंडियाकेरूपमेंकोईप्रचलननहींहुआथा।व्यापरकीनीतिकोलेकरकेफिरबादमेंनामकरणपरिवर्तनकरनेकाउद्देसक्याथा , तत्कालीनकोईभीराष्ट्रीयनेतृत्वरखनेवालेव्यक्तिनेइसकोसमझानहीं।यहआवश्यहैबहुतदीर्घकालीनउनलोगोंकाव्यापरकीनीतिकोलेकरकेभीतरहीभीतरयहदेशकेइतिहासकोपरिवर्तनकरनेकाएकरचाव।फिरभीहमयहकहनाचाहतेहैंइसकंपनीकेनामकरणकाकारणइसमेंइसप्रकारकापरिवर्तनअसंभवजैसाहै।
फिरभीआपलोगोंनेइसकीऔरगौरनहींकियाऔरउन्होंनेअपनाजोसंकल्पयाविकल्पजोकोईभीउद्देश्यहोउसकोउन्होंनेकामयाबकरनेमेंखुदकोसफलताप्राप्तकरली।इसकेउपरान्तदुनियामेंअनेकप्रकारकीभाषाएंहैं , भारतमेंतोबहुतभाषाबहुलकहींभीसमझमेंनहींआताकिनामकरणकाअनुवादहोताहो।इंडियायहभारतकाअनुवादहै ? यदिअनुवादनहींहैतोइसकेपीछेइंडियारखनेकाक्याउद्देश्यहै ? मेंयहमानताहूँकीअमेरिकाइत्यादिमेंभीइंडियाऔरइंडियनकाप्रचलनहै।कहींउसीप्रकारभारतकोऔरभारतवासियोंकोस्वीकारनेकाकोईउद्देश्यतोनहींथा।अन्यथाअमेरिकामेंजोइंडियनहैउसकेक्षेत्रकानामरखतेतोवहउसकाकोईउद्देश्यहोता।उसकाभीअवलोकनकरनाचाहिए।लेकिनउसकोतोएकप्रकारसेइसीरूपमेंस्वीकारकरतेहैं।वो offensive कहतेहैं , दासहैंजोदासकेरूपमेंस्वीकारतेहैं ; offensive एकप्रकारकेविरोधतत्वकेरूपमेंस्वीकारतेहैंऔर old - fashioned यहशब्दरखतेहैं।
इसकाअर्थतोसही-सहीयहीनिकलताहै , अनुवादयदिकरतेइसकातोपुरानेझर्रेकेविरोधीतत्त्वहैं, आपराधिकतत्त्वयहअर्थहोता।अबएकशब्दऔरआताहै old fashioned criminal persons इसकेबारेमेंथोड़ाऔरदेखनाथालेकिनउसकाइतिहासमिलगयाहै, ऐसासुनतेहैं, उनकेकहनेकेअनुसारमेंकहरहाहूँ , यहतीनशब्दएकदासकेरूपमेंस्वीकारनाइंडियनको।
भलेहीइंडियनऑक्सफ़ोर्डडिक्शनरीकेअनुसारअनेकअनेकस्थानहैंउनकेलिएलागूहोताहोलेकिनयहइंडियायहभारतकेलिएलागूकियागयाइसकाक्याउद्देश्यहै ? यहाँपरकैसेआपनेदेखा , यहाँकेनिवासीवहांपेकिसप्रकारक्रिमिनलहैंअथवावेकिसप्रकारसेविरोधीतत्त्वहैंयादासकेरूपमें ? यहकुछऐसेबिंदुहैंजिनकेबारेमेंगहराईसेचिंतननहींकियागयायदिकररहेहोतोबहुतविलम्बकियाजारहाहै।इसकाबहुतजल्दीपरिणामघोषितहोनाचाहिएऔरइसकेपीछेभारतकेकिसीअंगकोयहनहींसोचनाचाहिएकियहठीकनहींहै।अमूल्तवाःसारासाराव्यक्तिजोभारतवासीहै , जोअपनेआपकोमानताहैउनसबकोयहस्वीकारकरलेनाचाहिए।इससेनकिसीभाषासेहमाराविरोधहोगाऔरनहीकिसीपरम्परासेहमाराविरोधहोगा।भारतकोअम्यूचलइसरूपमेंस्वीकारकरनाचाहतेहैंऔरइतिहासएकऐसीवस्तुहै, हमेशाहमेशाकेलिएजोकुछभीलिखाजायेगाउसीशब्दोंकेमाध्यमसेवोलिखाजायेगा।
इसलिएजबकभीकिसीभीभाषामेंभारतकाअनुवादइंडियाहोसकतातोशब्दतोफिरभीपरिवर्तितहोसकताहैपरनाम noun है, संज्ञा , लेकिनसंज्ञाकभीभीकिसीभाषामेंपरिवर्तितनहींहोता।जैसेआपकानाम , "आपकानामक्याहै ?"; वीरेंदरशर्मा ; वीरेंदरशर्माकाकोईअनुवादहोताहै ?; नहींहोता।
तोभारतकायहनामकरणकबसेरखाहैइसकाइतिहासमिलनाहीमुश्किलहै।इसलिएव्यापकरूपसेभारतकोभारतकेरूपमेंस्वीकारकियागया।यहमेंमानताहूँबीचमेंहिंदुस्तानभीलेंमेंआया, वहभीकिसीस्थानकोलेकरकहा।
परवोभाषाके (inaudible) सेआयाजैसेसिंधसे, सिंधुकाउच्चारणकरकेसिंधहुआऔरउसकानामहिंदुस्तान।जैसेसप्ताहहोताहै , वोहफ्ताथा, वोसप्ताहबना, भाषाकहतीहैपरिवर्तनहोगया , सिंधहोगयातोइससेहमेऐतराज़नहीं।लेकिनइसकाभीइतिहासहैकिन्तुभारतकाबहुतअनादिकालसेकहनाचाहिएकोईनहीं।, कोईभीउसकाआदिनहींहै।वोसभीकोस्वीकृतहै , हमइसलिएकहनाचाहतेहैं, वोगलतक्याहै, वोसबकेसामनेआनाचाहिए।
अबइंडियाकेनामसेचलतेहैंतोइंग्लिशबहुलहोगया, भाषामेंपरिवर्तनहोगया।भाषाकापरिवर्तनएकऐसापरिवर्तनहैजोसंस्कृतिकोपलटादेताहै।जितनीभीभाषाएंहैंऔरउनभाषाओँमेंसाहित्यका, संस्कृतिका, सृजनकाउसकोदेशकोआगेबढ़नेकेलिएजोबीजबोयेहैंवोसारासमाप्तहोगया।आजआपको१८शताब्दी , १९शताब्दीकानहीं , आपअछिपोस्टपरहैं, आपाचाकार्यकररहेहैंलेकिनआपकोभारतीयइतिहासकाकोईज्ञाननहीं।हमनेप्रशासनसम्बन्धीजोकोईभीव्यक्तिहैउनसेपूछ - ताछकिया , वर्तमानमेंकुछऐसेइतिहासकीरचनाकरदीगयीहै , उसेथोड़ा -थोड़ा -थोड़ा -थोड़ारखकरकेउसीकेबारेमेंप्रश्न- उत्तरहोताहैलेकिनएक research work जिसकोबोलनाचाहिएशोधप्रबंधनउसकेबारेमेंआपकेपासकोईइतिहासनहीं, यहबहुतगलतहोरहाहै।
भारतकाअपनाइतिहासहै, अपनीसंस्कृतिहै, अपनीपरम्पराएंहैंऔरअपनीभाषाएंहैं ,
इनसबभाषाओँमेंसाहित्यरचागयाउनसबकोयहउल्टाहोरहाहैयह।इसलिएयहभारत, भारतकेरूपमेंहोनाचाहिए; विलम्बअगरकरतेहैंतोकौनसेप्रलोभनकेकारणकरतेहैं, यहहमपूछेंगे, उसकाउत्तरअच्छेसेनिकलनापड़ेगाआपको।
देखोउसीसमयसेजबयहमीटकंपनियांआयींउसीसमयसेवहलोगकिसीकेप्रियथेऔरधीरेधीरेइनकावधहोनाप्रारम्भहुआ।जबभारतमेंआयेवोउससमययहाँपरकितनेकत्लखानेथेऔरआजकितनीसंख्यामेंहैं ?अपनेयहाँकितनेकत्लखानेहैं ? आपउसकाअध्यययनकीजिये।बिना permission के, बिनाआज्ञाके , बिनाकिसीसमर्थनकेआपकितनेअंधाधुन्दखोलरहेहैं , इसकेपीछेकिसकाहाथहै , यहसबचित्रणीयविषयहैं , विदेशनीतिकीबातेंहोसकतीहैं, विदेशनीतिकेसाथआपकोचलनातोभारतकीनीतिसमाप्तकरकेतोनहींकरसकते।किसीसेव्यापरआपको , आपव्यापरकरनाचाहतेहैं , इसकेबदलेमेंआपमांसकोनिर्यातकरनाचाहतेहैंयहआपकाअनुबंधठीकनहींहै, यहसारेहीसारेव्यापारीलोगइसमें involve होजायेंगे।एकसमर्थनहोजायेगाउनकावोकभीभीनहींकरसकेंगे।किन्तुउनकोधोकादेकेयहसबकियाजारहाहै।यहकभीव्यापरनहींहोसकता।मांसकाव्यापरकेमाध्यमसेकोईभीइतिहासमेंदेशनेउन्नतिनहींपायी, आपपढ़िए।
क्यूंकिआजयुवाओंकेसामनेऐसादृश्यलाकररखाहै , वोउसकोहीपढ़नेसे, पूरेजीवनकीउन्नतिमानतेहैं।उनकेअभिभावकोंकीधारणाभीयहींपड़ीहै।इसलिएविदेशजानाअनिवार्यसमझतेहैं , यहाँपरपढ़ें , सबकुछकरें, किन्तुशोधप्रबंधकेलिएविदेशक्यों ? क्याआपनेभारतकेबारेमें , शोधकेबारेमेंअध्ययनकिया ? क्याइतिहासमेंशोधनहींहोताथा? नालंदाविशविद्यालय , तक्षशिला , कुरुक्षेत्रआदिआदिबहुतसारेथे।दक्षिणमें।आपकोसोचनाचाहिए , गुरुकुलकीव्यवस्थाइतनीथीलाखोंके (inaudible) थे।औरयहइतिहास, यहाँकाइतिहाससंस्कृतिसे (inaudible) केबारेमेंविदेशीवरिटेरसनेहीलिखाहै।उनकासंकलनहमारेपासएककिताबहै।उसकोपढ़करआपकोलगेगाहमइतिहासकेबारेमेंबिलकुलनहींजानते।आपकोजाननाचाहिए , स्वाभिमानसमस्तहोनेमेंयहीएकमात्र, इतिहासकाअध्ययननहोनेसेऐसाहुआ।यदिइतिहासकाअध्ययनहुआबहारजानेकीशोधकरनेकीकोईआवश्यकतानहींहै।
सुनोयेजोनीतिहै , यहपैकेजकेसिस्टमसेआपकोलाखोंदिखरहेहैं , करोड़ोंदिखरहेहैंलेकिनवोखरीदरहेहैं।औरसहीचीज़आपकेसामनेराखीनहींजाएगी , आपकोनिचोड़ाजारहाहै।
तोबच्छोंसेयहकहनाचाहताहूँ, बच्चोंकेअभिभावकोंसेकहनाचाहताहूँ , ऐसीधारणाक्योंबनायींजारहीहै ? यहभाषाकीकमीकेकारणहीहोताहै, यहदूसरेबिंदुमेंकहूंगा।
हाँहिंदीयहहिंदीहीनहींहै, हमारीजोभारतीयभाषामेंहै, तोकहाँकहाँपरक्याक्यालिखाहैयेतोआपकोज्ञातहीनहीं।यहाँपरकोईभीवस्तुबहारसेनहींआनीचाहिए, कोईभीऐसीवस्तुनहींथीयहाँपेजोयहाँसेहोतीथीऔरसबधन्यहोतेथे।
सस्तीसस्तीचीज़ेंवहांपरदीजातीथींऔर (inaudible) दीजातीथीं।यहाँकेप्रत्येकव्यक्तियहकार्यकरताथा, वोनौकरीकरनेकीकभीसोचतानहींथा, आजउद्योगसमाप्तकरकेनौकरीकेलोभसेआजभेजरहेहैं।
लॉटरीकीपद्धतियांहैं।ऐसीपद्धतिलाकररखरखीहै।इसलिएयहचाहिएसर्वप्रथमइंडिया , इंडियाकोहटाकरकेपहलेभारतलानाचाहिए।
हमसरकारकीबातइसलिएनहींकरनाचाहतेहैं , सरकारकोभेजागया , आपहीलोगोंनेभेजा, ध्यानरखना, नहींसमझे, यदिआपनेभेजातोयोग्यकार्यकररहेहैंयानहींआपकोइतिहासभीपढ़नाचाहिए।१८शताब्दीमेंलिखाथायहाँकीपद्धतिक्याथी , विज्ञानअबधातुविज्ञानंकीबातमेंकहरहाहूँ।
मेंयहकहरहाहूँकिन्तुविदेशीलोगोंनेयहाँकेधातुविज्ञानंकेबारेमेंभारतमेंकितनापुरस्कृतऔरविज्ञानथा, पहुंचाहुआउससमयसेलिखागयाहै।कोईभीव्यक्तिमाननेकेलिएतैयारनहींहैआजकिविज्ञानभारतीयचीज़है, किन्तुइन्हेइतिहाससेज्ञातहोगा।
जबपरिष्कृतधातुविज्ञानकेमाध्यमसेतैयारकियागया , परीक्षणकेलिएभेजदियागया।सभीलोगोंनेमुक्तकंठसेकहायहवहलौहतत्त्वहैजिसकेलिएदोशरीरचिकित्सामेंऔज़ारकामआतेहैं , उसकेयोग्यधातुलौहतत्त्वहै।
अरेसाहबलौहतत्त्वकाविज्ञानविदेशमेंकहींभीनहींऔर१०-२००००यहभट्टियांउससमयचलतीथीं।लौहकाउत्पादनकरनेकेतरीकेभट्टियोंकेमाध्यमसे, ऐसानहींखान- खदानखोदकरकरकेलेआओऔरदेशकोविदेशकोबेचतेचलेजाओ।वोनहींथा, वोउत्पादनकरतेथे, रसायनशक्तिथी , ऐसेआजभीहैंलेकिनउनकोसबअनपढ़मानतेहैं।
मेंउसकीअभीसमीक्षानहींकरनाचाहताहूँयदिइसदिशामेंवोकामकररहीहैं , बहुतअच्छाकामकररहीहैलेकिनयह 2-3 महीनेमेंहमउसकीसमीक्षाकरदें, मेंउससमीक्षाकोस्वीकारनहींकरूँगा।इतिहासआपपढ़िए , इतिहासकोपढ़करकेआपकोभारतकोमोड़नाहैऔरजिधरथाउधरहीमोड़नाहैहमेज़्यादाआगेनहींबढ़नाहै।
आपप्रतिभाकेबारेमेंसोचरहेहैं , आपकाअध्ययनजोशोधपरकहैवोउधरहीक्योंजारहाहै , उसकेबारेमेंसोचिये।इसलिएनालंदाविश्वविद्यालयपुनर्जीवन।एककालहीहमनेएकनिबंध, एकछोटासानिबंधथालेकिनबहुतअच्छाथावोपढ़ा, हाँयेइसदिशामेंकामहोनाप्रारम्भहोगयाहै। 800 वर्षबादकेबादअबउसकोजलायागयाथा।अबयहसोचोकिसाहित्यमें (inaudible) जलीहै।
येक्याकथाहै ? किंवदंतीहै ? नहींहै , यह fact है।क्यों ? इसकेमाध्यमसेभारतकोसमाप्तकरनाथा. ऐसाभारतसमाप्तनहींहोसकताआपध्यानरखलो।
इतिहास , आपलोगोंनेअपनेघरकेइतिहासकोनहींपढ़ा, तोआपकितनीसम्पदायेंथीं , हैं , कितनीविद्याएंथीं , येसबभूलगएआप।
इसीप्रकारयह (inaudible) धातुविज्ञानकेबारेमेंमेंयहपूछनाचाहताहूँजहाँकहींभीप्राचीनबिल्डिंग्सहैंउसमेकहाँकहाँकेकौनकौनलोगकामकरतेथे ? क्याआजकेभवनविज्ञानवहांतकपहुँचा, तोक्योंभवनकेनिर्माणकीअपेक्षासेआर्किटेक्ट , वहांक्योंजारहेहोआप ? उसमेकोनसीगुणवत्तादिखी ? गर्मीलगेगी , सर्दीलगेगीकेसमयसबसेज़्यादासर्दीलगेगीयहसुनकेआजभवनकेजितनेनिर्माणहैंवोउनकेकारणहोरहेहैं।भारतीययहभवननिर्माणकोदेखनहींरहेआप ?
आजराष्ट्रपतिभवनहै , बनासकतेहोबनाओ, जितनाखर्चहुआउतनेमेंबनाओ , नहींबनता , इसकाअर्थयहहैभारतमेंविज्ञान ,भवनविज्ञानकाबहुतबढ़ियाथाऔरहै।वोचाहहीरहेथेऐसाहोना , वहांकाचूना , उसकाचूना , यहसीमेंटबहुतदूरतकजाओआप , कहींनहींमिलेगाआपको।
सुनो, यहएकअर्थनीतिहोतीहै , अर्थनीतियहहैआपकाजोकुछभीधनहैवोउधरचलाजारहाहै।पानीकायहस्वाभावहोताहै , ढलानकीओरउसकोलेजाओतोअपने-आपचलाजायेगा।यहएकवहकामकररहेहैंजितनाभीअर्थहैकुछव्यक्तियोंकेहाथमेंआएगा।
औरखाएंगे, पिएंगे , खाभीनहींसकतेइतनावो store होजायेगा, अबइसकादुरोप्योगकरनाहै, यहनीतिहै।केवलभारतउससमयऔरपदार्थोंकानिर्यातकरताथा , यदिलेकरकेआताथाहीराऔरसोना -चांदीकेअलावाकुछभीनहीं 18 वींशताब्दीकेइतिहासमेंलिखाहुआहैयहक्यों ?
बिलकुलक्योंनहीं , आजसारी- सारीऔरप्रकारकेजुआकाखेलहैवो।अपनेयहाँसर्वप्रथम (inaudible) भारतीयसंस्कृतियहहैजुआनहींखेलना।यहबिलकुलजुआहै।यहबिलकुलबिलकुलपक्कीबातहै।इसमेंजोपूँजीहैयहव्यापरनहींहै, इसमेंपूँजीनहींहैऔरक्याहैवस्तुएंनहींहैं।
बिनावस्तुकाआपव्यापारकररहेहोऔरबिनापूँजीकेव्यवहारकररहेहो , नहींसमझे।बाजारमें१००००बोरीनहींहैअभी१लाखखरीदीगयींहैं।क्याहैइसका, व्यापारआपकाअर्थनीतिफेलहोगयी , वाणीभीसमाप्तहोगयाआपका , कृषिभीसमाप्तहोगया, कृषिबंदकरदिया, कृषिकेलिएअनिवार्यततवाथेउनसबमेंएकप्रकारसेमिक्सचरलाया।खादआजविदेशी, भारतकृषिप्रधानमानाजाताऔरखादविदेशीलेरहेहैं।उनविदेशीखादोंकेस्वाराजमीनकीसारी -सारीऊर्वकशक्तिसमाप्तहोगयी।यहकुछमिलानहीं।
आपअपनेपरिवारकेबारेमेंसोचकरके , येदेनाचाहेंगे , यहसबनहींचलनेवाला।प्रत्येकव्यक्तिकायहकर्त्तव्यहै , वोजागृतहोजाये , यदिमानलोखेतीमेंफ़ैलहोगए, मेंखेतविज्ञानकीबातबताताहूँ।वर्तमानमेंकृषिविज्ञान , कितनाउन्नतहुआमुझेबतादो।आजपहलेलिखाहुआहैयहाँपर. आजज़्यादासेज़्यादा३६सेज़्यादानहींउत्पादननहीं१एकरमें।किन्तु५६क्विंटल१८शताब्दीऔरपूर्वमेंआपकोज्ञातनहींकितनाउन्नतथा।१एकरआपकेपासज़मीनहै५६दुनिकितनाहोगए११२, यहएकवर्षमेंवोउत्पन्नसिंचाईकेमाध्यमसेमतलबआपिज़मीन१करोड़२होगी।पृथ्वीकोहानिहैआपसमझो।
वहांकीखाद ,वहांकेबीज , सारासारावहांसेखरीदनापड़ेगा।आपबीजसेभीमुक्तहोगए , आपकुछकामकररहेहैं ? सबउजड़रहेहैंसबउजड़कररहजायेगा।आँखेंखोलनायहनष्टहोनेसेअच्छाहैनहींतोआपरातमेंदेखहीनहींपाओगे।
भाषाबादमेंसीखतेहैं , उसकोमेंभाषानहींमानतासर्वप्रथमहमारेकर्त्तव्यकेलिएहमारेअभिभावकतथाहमारेबंधूहमेंजोसंकेतदेतेहैंवोहमारेजीवनकीउन्नतिकेलिएपूज्यहैं , वोभाषाकाकामकरताहै।मेंभाषाकोभाषानहींमानताभावकीऔरलेजानेवालीवस्तुकोईहोतीहैउसकानामभाषाहैऔरवोसंकेतभीहोसकताहै।जोगूंगाहै ,भैराहैउसकीभीएकअलगभाषाहोतीहैऔरउसकोभीतैयारकियाजाताहै।अबजोअपनेसुनतेहैंऔरबोलतेहैंउनकोगूंगेऔरभैरेके (inaudible)
जिन (inaudible) मेंसंतानउत्त्पन्नहुई , आपतोबादमेंआपकीहवातोबादमेंलगरगीपहलेमाँ , भाई, बहिन, पिताजी, अड़ोस -पड़ोसकेमाध्यमसेउसकालालन -पालनपोषणहुआ , उसकाभाषामें , संकेतमेंहुआ , सारासारास्कूलमेंआनेतकसमाप्तहोजाताहैउसका।यहाँअलगहीहै।दंडदियाजारहाहै।तुमहिंदीबोलतेहो, तुममराठीबोलतेहो, तुमगुजरातीबोलतेहोतोवहांपरदंडहोगा।केवलइंग्लिशबोलो, इंग्लिशपढ़ोक्याकरें ? हमेंबताओ।क्याअभिव्यक्तिकरसकताहै ? नहींकरसकता, एकव्यक्तिउनकानामथा (inaudible), विदेशनीतिकेवोउनकोशोधप्रबंधलिखनाथा, सबनेसोचाइनसेआगेबढ़करकुछनहींहै, इनकोतैयारकरदियागया।आपकोइसविषयमेंकरनाहै , विदेशनीतिमेंअध्ययनकरकेइनकोशोधप्रबंधनलिखनाथा।जोकुछभीआचारथेवोसबदेनेकोतैयारथे।लेकिनएकशर्तक्याहै ? मेंउसशोधप्रबंधकोएकदमहिंदीमें , येकभीहिंदीमेंलिखाहीनहींजायेगा।आपकहिये , येआपकीसोचहोसकताहैलेकिनमेंहिंदीमेंशोधप्रबंधलिखसकताहूँइससेबढ़करहिंदीनहींलिखदूँ , मेरेपासइंग्लिशभीहै।लेकिनजोअभिव्यक्तिमातृभाषामेंकरसकतेहैंवोकिसीभीभाषामेंनहींहोसकता।वहांकेमाध्यमसेथाजन्महुआमाध्यमसेजोभावउत्पन्नहुएहैंउसकीअभिव्यक्तिमेंउसीभाषामेंकरसकताहूँ।यहभीएकबहुतबड़ीगलतीहोरहीहै , आपअपनीअभिव्यक्तिअपनेभावोंकोव्यक्तकरनेकेलिएस्वतंत्रनहींपरतंत्रहोगए।
विदेशीभीकहनाहैकियदिशोधहोतोअपनेजीवनमातृभाषामेंहीलिखाजानाचाहिएऔरउससेबढ़करकुछनहीं।फ्रांसमेंलिखागया , अफ्रीकामेंभीलिखागया , जापान ,चीन , जर्मनआदिआदिरूससबमेंजबअपनीमातृभाषाचलरहीहैतोभारतकोक्याहुआ ?इंडियाकासवारहोगया।इसलिएहुआथा , यहपरिवर्तितहोगयापेह्लरनहींहोताथा।
क्याआपको Thesis पहलेनहींलिखाजाताथा ? अबबताओभाषाकीबातचलरहीहैइसलिएकहनाचाहताहूँ, अभी-अभीमुझेज्ञातहुआसाहित्यमिलाकुछसुना, ३०००श्लोककाएकग्रन्थमिला।उसकानामभीशायदआपकोमिलेसुरक्षितहै।तोउसमेक्याहै ? वहसंस्कृतिनिष्ठहै, उस३०००मेंक्यालिखागया ? उसकाकेवलविषय - वस्तुविमाननिर्माणहै।आपक्याकहरहेहोसारेसूत्रउसमेलिखेहुएहैं, ३०००श्लोकमेंमात्र।५००प्रकारकेविमाननिर्माणकरनेकीविधिउसमेबताईगयीहैकितनी५००विमान।आजहैंकितनेयेबताओ।एहिनहींएक -एकविमानकोहम३०-३०प्रकारसेबनासकतेहैं।भारतआपक्यासबकुछखोकरके, सबकुछलूटकरकेआपभीखमाँगनाचाहतेहोतोक्याकरसकतेहैं ?यहांसाधुभीभिक्षामांगतेहैंभीखनहिमांग्तेवो, यहवृद्धहिहैयहाँकी. यहांमांगनेकीबातहीनहींहोतीऔरआपएक -एकचीज़केलिएमांगरहेहैं ? वहांजानेकाअर्थयहहै, नहींमेंवहांविदेशसी , क्याकियाआपने ? दासवृत्तिहै, क्रय -विक्रयजिसकोबोलतेहैं।हमयेनहींजानते, अर्थचाहिएमेंमानताहूँलेकिनपढ़ा-लिखाअर्थकोविश्वकेउत्पन्नकरनामानतेहोवोगलतहै।
सुनोअहिंसाएकप्रकारसेरक्षाकाशस्त्रहै, रक्षाकिसकी ? एकधर्मात्माकी, एकनीतिनिपुणकी, एकदेशकेलिएसूत्रधारकाकामकरताकरताउसकी, एकशिक्षाकाजोशिक्षकहैउसकीरक्षाकरेंगे, हमअहिंसाकेमाध्यमसेकरसकतेहैं।यदि (inaudible) चलाजायेगातोउसकीरक्षानहींकरसकोगेआप।
इसकोरखकरकेवहांकाशिक्षकअमेरिकाकापढ़ाताहै।यहांपरस्पर्शकरकेपढ़तेथे।शिक्षावोभीदेरहाहै, शिक्षामिलतीथी, क्याउसकाआंकलनकरलोगेआप ? इससबकीक्याआवश्यकता, इसलिएआपशिक्षाक्योंऔरकिसकीऔरकिसकेकिसकोयहप्रश्नपूछिएआप , यहकुछनहींहोरहा।इसलिएमेंइनसबनहींजानता, आपभलेस्वीकारो, मेंइसेस्वीकारनेकेलिएतैयार nahinहूँऔरमेंइसकोअहिंसा, जोभीहोगा, देखोजितनेभीक्षत्रियहुएहैं , तीर्थंकरजितनेभीवोसारेसारेक्षत्रियहुएहैं, तराजूपकड़नेवालानहींहुआ।ध्यानरखो, उन्हीकोहमतीर्थंकरमानतेहैं, तराजूपकड़नेकाअर्थजोहैनअर्थकीओरचलीगयी, तराजूजोपकड़रहाहै, यहक्षत्रियकहताहैहैठीकपकड़नहींतोदेखलेशस्त्रहैंयहांपर।येशास्त्रचलानेकेलिएनहींउसबनियाकोठीककरनेकेलिएहैं।
Source:
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Acharya
Shri’s Interview video on YouTube
https://youtu.be/TKBZY9OCXP4
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